अगर घर में लगातार धन की समस्या रहती है, तो वास्तु दोष इसका एक कारण हो सकता है। कुछ प्रमुख वास्तु दोष जो धन के अभाव का कारण बन सकते हैं, वे निम्नलिखित हैं
मुख्य द्वार (Entrance): अगर मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम दिशा में है, तो यह धन हानि और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है।मुख्य द्वार पर गंदगी, टूटी-फूटी चीजें, या अंधेरा भी नकारात्मक ऊर्जा लाता है। दरवाजे को साफ और सजीव रखें।तिजोरी या धन रखने की जगह:धन रखने का स्थान उत्तर दिशा या उत्तर-पूर्व में होना चाहिए। यदि यह दक्षिण या पश्चिम दिशा में हो, तो धन की समस्या हो सकती है।तिजोरी का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए, जिससे संपत्ति में वृद्धि हो सके।
पानी का बहाव (Water Flow):घर के उत्तर-पूर्व में पानी का बहाव सही होता है, लेकिन अगर पानी का बहाव दक्षिण-पश्चिम में हो, तो यह धन की हानि का संकेत है।रसोई या बाथरूम में लीक होने वाली टोंटी या पाइप भी आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है। इसे तुरंत ठीक कराएं।
किचन की दिशा (Kitchen Direction):रसोईघर का स्थान दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। अगर यह उत्तर-पूर्व में है, तो धन की कमी और आर्थिक समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।रसोई में आग और पानी के तत्व एक ही दिशा में नहीं होने चाहिए, जैसे कि स्टोव और सिंक के बीच उचित दूरी रखें।
पूजा घर का स्थान:घर का पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर यह दक्षिण दिशा में है, तो घर के लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बेडरूम का स्थान:बेडरूम का सही स्थान दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए। अगर बेडरूम उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में है, तो यह मानसिक तनाव और धन हानि का कारण बन सकता है।
उत्तर-पूर्व का दोष:उत्तर-पूर्व दिशा में भारी सामान, स्टोर रूम, या टॉयलेट होने से आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। इसे खाली और साफ-सुथरा रखें।
अव्यवस्थित घर:घर में अव्यवस्था (क्लटर) भी धन हानि का कारण बनती है। पुराने टूटे-फूटे सामान, गैर-ज़रूरी कागजात, या बेकार चीजें आर्थिक नकारात्मकता फैलाती हैं।
दक्षिण-पश्चिम में जल तत्व:दक्षिण-पश्चिम दिशा में जल तत्व (जैसे पानी की टंकी या एक्वेरियम) नहीं होना चाहिए, यह धन की कमी का कारण बन सकता है।
इन वास्तु दोषों का निराकरण कर के घर में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बढ़ाई जा सकती है।